तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने check here वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...
पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री – पार्थिव शिवलिंग रुद्राभिषेक कैसे करते है